केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि
अब वक्त आ गया है देश का सच्चा इतिहास लिखा जाए |
पूर्व सिविल सेवा अधिकारी मंच की ओर से नेहरू मेमोरियल में आयोजित पांचवी वार्षिक व्याख्यान माला में बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि
कश्मीर का इतिहास तोड़ मरोड़ कर देश के सामने रखा गया है क्योंकि जिनकी गलतियां थी उन्हीं के हिस्से में इतिहास लिखने की जिम्मेदारी भी थी उन्होंने अपनी गलतियों को सील करके जनता के सामने रखा लेकिन अब समय आ गया है जनता के सामने सच्ची जानकारी जाए |
अमित शाह ने कहा
अनुच्छेद 370 हटे अभी जुम्मा जुम्मा 2 महीने भी नहीं हुए लोग गिरफ्तारी को लेकर चिल्ला रहे हैं , कांग्रेस ने 11 साल अब्दुल्ला साहब को जेल में डाला था आखिर किस धारा में इतने साल तक कांग्रेस ने इन्हे जेल में रखा था और आज अब्दुल्ला साहब की इन्हे बड़ी चिंता हो रही है |
अमित शाह ने कहा
आजादी के वक्त 630 रियासतों को एक करने में कोई दिक्कत नहीं आई मगर आज जम्मू कश्मीर को एक करने के लिए 5 अगस्त 2019 का इंतजार करना पड़ा, 630 अलग-अलग राज्यों को एक खंड के अंदर समाहित करना और अखंड भारत बनाना यह हमारे लिए एक बहुत बड़ी चुनौती का काम था लेकिन देश के प्रथम गृह मंत्री और लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल को प्रणाम करते हुए यह कहना चाहता हूं कि वह ना होते तो यह कभी ना हो पाता, जब देश आजाद होता है तो उसके सामने सबसे पहले सुरक्षा का प्रश्न ,संविधान का प्रश्न, ऐसे कई प्रकार के प्रश्न होते हैं पर हमारे सामने 630 रियासतों को एक करने का प्रश्न था |
गृह मंत्री अमित शाह ने मानव अधिकार के प्रश्न का जवाब देते हुए, लोगों पर हमला करते हुए कहा की
धारा 370 के कारण जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का एक दौर चालू हो गया था जिसमें अब तक 41000 लोग मारे गए इन मरे हुए लोगों की विधवाओं और उनके यतीम बच्चों की चिंता उस संगठन ने कभी की है क्या? किसी इलाके में टेलीफोन ना होना मानव अधिकार का उल्लंघन नहीं है लेकिन 41000 लोगों की मौत मानव अधिकार का उल्लंघन है, लोग कहते हैं की धारा 370 हटने से कश्मीरियत खत्म हो गई, मैं पूछता हूं गुजरात में 370 नहीं है तो क्या गरबा खत्म हो गया ? कर्नाटक में 370 नहीं है तो क्या कन्नड खत्म हो गई ? सच तो यह है कि 370 लगाकर कश्मीरी कला और संस्कृति को पूरे देश में फैलाने से रोका गया था |