अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिका विश्व स्वास्थ संगठन की डब्ल्यूएचओ से अपने सारे संबंध खत्म कर रहा है.
ट्रम का आरोप है कि डब्ल्यूएचओ शुरू से ही कोरोना वायरस को रोकने में असफल रहा है. संयुक्त राष्ट्र संघ की इस एजेंसी का फंड डोनाल्ड ट्रंप पहले ही बंद कर चुके हैं. डोनाल्ड ट्रंप ने आरोप लगाया कि विश्व स्वास्थ संगठन चीन की कठपुतली है.
ट्रंप ने शुक्रवार को व्हाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों से कहा,”हमने डब्ल्यूएचओ में व्यापक सुधार का अनुरोध किया था लेकिन वह ऐसा करने में असफल रहे. आज से हम विश्व स्वास्थ्य संगठन से अपना नाता तोड़ रहे हैं.अमेरिका इन फंडों को वैश्विक पब्लिक हेल्थ में लगाएगा डब्ल्यूएचओ पूरी तरह से चीन के कब्जे में है जबकि चीन अमेरिका के मुकाबले मामूली सा फंड देता है.”
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले महीने डब्ल्यूएचओ को चेतावनी दी थी. ट्रंप ने कहा था कि अगर डब्ल्यूएचओ 30 दिन के भीतर ठोस सुधार नहीं करेगा तो अमेरिका अपना स्थाई रूप से फंड देना बंद कर देगा. ट्रंप ने कहा था कि डब्ल्यूएचओ की गलती की कीमत पूरी दुनिया को उठा चुकी है . ट्रंप ने डब्ल्यूएचओ को लिखे एक पत्र में कहा की उसे ‘चीन परस्ती ‘ से मुक्त होना होगा.
ट्रंप ने दौरान चीन को निशाने पर लेते हुए कहा,”पूरी दुनिया चीन के सरकार के अपराध की सजा भुगत रही है. चीन ने वैश्विक महामारी की शुरुआत की और हमें इसकी कीमत एक लाख से अधिक अमेरिकीयो के जान के तौर पर चुकानी पड़ी।
ट्रंप ने कहा कि उन्होंने जिस सुधारों की मांग की थी वह पूरी नहीं हुई है.ट्रंप ने कहा कि डब्ल्यूएचओ ने कोरोना वायरस के मामले में चीन के साथ मिलकर पूरी दुनिया को गुमराह किया है.
ट्रंप ने कहा कि,”जब चीन में पहली बार वायरस मिला तो सूचनाएं छुपाई गई. चीन ने भी पूरे मामले में पारदर्शिता नहीं बरती. चीन डब्ल्यूएचओ को हर साल बस चार करोड़ का फंड देता है और उसका पूरा नियंत्रण है इसकी तुलना में अमेरिका डब्ल्यूएचओ को हर साल 45 करोड़ का फंड देता है. हमने डब्ल्यूएचओ को विस्तार से बताया था कि उसमें किस तरह के सुधार की जरूरत है लेकिन उसने ऐसा करने से इंकार कर दिया.”
ट्रंप संयुक्त राष्ट्र संघ पर भी लगातार सवाल करते रहे. ट्रंप ने सत्ता में आने के बाद ‘अमेरिका फर्स्ट’ की नीति बड़े दमखम से अपनाई है.सत्ता में आने के बाद ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र मानवता परिषद से भी अमेरिका ने खुद अलग कर लिया, इसके बाद यूएनए की संस्कृति एजेंसी यूनेस्को से भी खुद को अलग लिया, जलवायु परिवर्तन से भी खुद को अलग कर लिया उसके बाद ईरान के परमाणु करार को तोड़ दिया.
चीन पर आक्रामक ट्रंप,
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि हांगकांग में चीन की सरकार का विवाद सुरक्षा कानून की एक त्रासदी है. ट्रंप ने कहा कि अमेरिका जब हांगकांग को अमेरिकी कानून के तहत मिले विशेष दर्जे को खत्म कर देगा. व्यापार और पर्यटन के मामले में हांगकांग के साथ अमेरिका अब सामान्य नियमों का पालन करेगा.
दूसरी तरफ चीन ने कहा कि पश्चिमी देश हांगकांग हस्तक्षेप करना बंद करें. ब्रिटेन के उपनिवेश रहे हांगकांग को चीन के हमले कई तरह की स्वतंत्रता और स्वायत्तता की शर्तों पर1997 में किया गया था. लेकिन इधर के वर्षों में देखा गया है कि हांगकांग को मिली स्वतंत्रता और स्वायत्तता में कई तरह की कटौती की जा रही है.
राष्ट्रपति ट्रंप ने हांगकांग को लेकर जो कुछ कहा
व्हाइट हाउस के रोज गार्डन में पत्रकारों ने कहा चीन ने एक देश दो सिस्टम को खत्म कर हांगकांग में एक देश एक सिस्टम कर दिया है. हांगकांग के लिए त्रासदी है. चीन हांगकांग की आजादी खत्म कर रहा है. चीन और हांगकांग की जिन अधिकारियों को लेकर हमें लगेगा किउन्होंने हांगकांग की आजादी को खत्म करने की भूमिका निभाई है , उनपर पाबंदी लगाएंगे, विदेश मंत्रालय हांगकांग को लेकर नई ट्रैवल एडवाइजरी जारी कर रहा है यहां अब चीन का सर्विस लाइन बढ़ेगा, ट्रंप ने कहा कि अमेरिका पर में चीन पर आने वाले विदेशियों पर पाबंदी लगेगी,