Plastic Ban: देश में 1 जुलाई से सरकार ने सिंगल यूज वाले प्लास्टिक को प्रतिबंध कर दिया है। इसका असर अब दिखने लगा है। प्रशासन ने प्लास्टिक बैग बनाने वाली कंपनियों पर नकेल कसना भी शुरू कर दिया है। राजधानी दिल्ली में प्लास्टिक बनाने वाले कई सारी कंपनियों को बंद करने का आदेश दिया गया है। इसके साथ ही बिजली विभाग वितरण कंपनियों को फैक्ट्री के कनेक्शन काटने को भी कहा गया है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (डीपीसीसी) ने प्लास्टिक थैले और पैकिंग सामग्री बनाने वाली 14 इकाइयों को बंद करने का निर्देश भी दे दिया है।
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यह इकाइयां स्वीकृत सीमा से कम मोटाई वाले प्लास्टिक थैले एवं पैकिंग सामग्री बना रही थी। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एक बयान में यह कहा कि राष्ट्रीय राजधानी के नरेला और बवाना औद्योगिक क्षेत्र में नियमों का पालन नहीं करने वाली यूनिट्स पर 1.22 करोड रुपए का जुर्माना लगाया है। यह फाइन पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वालों के लिए लगाया गया है।
बता दें कि सभी यूनिट से 75 माइक्रोन से कम मोटाई की प्लास्टिक के थैले बना रही हैं। वहीं पर पैकिंग सामग्री की मोटाई 50 माइक्रोन से भी कम पाई गई है। यह प्लास्टिक बैन के नियमों का उल्लंघन है। डीपीसीसी के बयान के अनुसार बिजली वितरण कंपनी टाटा पावर दिल्ली डिसटीब्यूशन लिमिटेड को इन प्लास्टिक निर्माण इकाइयों के बिजली कनेक्शन काटने का भी निर्देश दिया गया है। सरकार ने 1 जुलाई से कुल 19 वस्तुओं को प्रतिबंधित कर दिया गया है।
प्लास्टिक के साथ ही ईयर-बड, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी स्टिक, आइसक्रीम स्टिक, सजावट के लिए पॉलीस्टाइनिन (थर्मोकोल), प्लेट, कप, गिलास, कांटे, चम्मच, गुब्बारों के लिए प्लास्टिक की स्टिक जैसी वस्तुओं के उपयोग पर प्रतिबंध लग चुका है। भारत सरकार ने कूड़ा करकट वाले सिंगल यूज प्लास्टिक होने वाले प्रदूषण पर भी काबू पाने के लिए यह फैसला किया है।
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Plastic Ban, प्लास्टिक बैग की वजह कॉटन बैग का उपयोग किया जा सकता है। इस तरह प्लास्टिक से बनी चम्मच की जगह बैम्बू स्टिक का उपयोग कर सकते हैं। वहीं पर प्लास्टिक के बजाय कुल्हड़ का उपयोग किया जा सकता है।
अगर भारत की बात करें तो केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का एक सर्वे यह बताता है कि देश में हर दिन 26000 टन प्लास्टिक कचरा निकलता है। जिसमें से सिर्फ 60 फ़ीसदी को ही इकट्ठा किया जाता है। बाकी कजरा नदी नालों में मिल जाता है या पड़ा रहता है। इसको रोकने के लिए ही सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक को बैन कर दिया है।