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Nobel Prize In Literature 2021: साहित्य का नोबेल पुरस्कार उपन्यासकार अब्दुलरजाक गुरनाह को मिला

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साहित्य में दिए जाने वाले इस साल 2021 में नोबेल पुरस्कार की घोषणा कर दी गई है। इस साल 2021 का नोबेल पुरस्कार प्रसिद्ध उपन्यासकार अब्दुलरजाक गुरनाह को दिया गया है। स्वीडिस एकेडमी ने पुरस्कार की घोषणा करते हुए बताया कि अब्दुलरजाक गुरनाह ने अपनी लेखनी के जरिए उपनिवेशवाद के प्रभावों तथा संस्कृतियों को लेकर काफी कुछ लिखा है। शरणार्थियों के भाग्य का निर्धारण करने के लिए उन्होंने अपनी अडिग व करुणा में लेखनी के द्वारा ही दुनिया के दिलों में प्रेम पैदा किया है। हाल ही में गुरनाम यूनिवर्सिटी आफ केंट से उत्तर औपनिवेशिक साहित्य के प्रोफ़ेसर पद से रिटायर हुए हैं। और वो दक्षिण पूर्व इंग्लैंड में स्थित अपने घर में रहते हैं।

इंग्लैंड सरकार थी के रूप में आए थे.

अब्दुलरजाक गुरनाह साहित्य में नोबेल पुरस्कार के विजेता 10 उपन्यास व कई लघु कथाएं प्रकाशित की है। शरणार्थी की समस्याएं उनकी लेखनी में प्रधान रही हैं। उन्होंने 21 वर्ष की उम्र से अंग्रेजी में लिखना शुरू किया। चूंकि उनकी लिखने की भाषा स्वाहिली शुरुआत में थी। तथा बाद में उन्होंने अंग्रेजी को ही अपनी लेखनी का माध्यम बना लिया।

तीन विज्ञानियों को भौतिकी के लिए दिया गया नोबेल पुरस्कार

भौतिकी में कई अनसुलझी मानी जाने वाली गुत्थियों के पूर्वानुमान की राह खोलने वाले तीन विज्ञानियों को पिछले दिनों साल 2021 का भौतिक का नोबेल पुरस्कार दिया गया। इसमें से जापान के स्युकुरो मनाने, इटली के जियोर्जियो पैरिसी तथा जर्मनी के क्लास हेसलमान शामिल है।

11.4 लाख डॉलर से अधिक का इनाम विजेता को

ये पुरस्कार उस संगठन या फिर किसी व्यक्ति को दिया जाता है। जिसने भाईचारे और बंधुत्व को बढ़ाने के लिए राष्ट्रों के बीच सर्वश्रेष्ठ काम किया हो। यह पुरस्कार पिछले वर्ष विश्व खाद कार्यक्रम को दिया गया था। जिसकी स्थापना सन् 1961 में पूरे विश्व में भूख से निपटने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति ड्वाइट आइजनहावर के निर्देश पर किया गया था। रूस से काम करने वाली संयुक्त राष्ट्र की इस एजेंसी को वैश्विक स्तर पर भूख से लड़ने तथा खाद सुरक्षा के प्रयासों के लिए ये पुरस्कार दिया गया। इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के अंतर्गत एक स्वर्ण पदक व एक करोड़ स्वीडिश क्रोनर (यानी 11.14 लाख डॉलर से अधिक राशि) दिया जाता है।

जन्म जंजीबार में हुआ था.

अब्दुलरजाक गुरनाम का जन्म तंजानिया के जंजीबार में वर्ष 1948 में हुआ था। लेकिन एक शरणार्थी के रूप में 1960 के दशक के अंत में वह इंग्लैंड पहुंचे। रिटायरमेंट के पहले वह केंट विश्वविद्यालय, कैंटरबरी में अंग्रेजी तथा उत्तर औपनिवेशिक साहित्य के प्रोफेसर थे। अब्दुलरजाक गुरनाम उपन्यास “पैराडाइज” ने सन् 1994 में उन्हें एक लेखक के रूप में पहचान दिलाई थी। उन्होंने वर्ष 1990 के करीब पूर्वी अफ्रीका की एक शोध यात्रा के दौरान यही लिखी थी। इसमें एक दुखद लव स्टोरी है। जिसमें दुनिया तथा मान्यताएं एक दूसरे से टकराती हैं।

पूरी दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित अवार्ड है नोबेल

आज नोबेल दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार माना जाता है। दुनिया की दिग्गज हस्तियां इसके विजेताओं में शामिल है। महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टाइन, लेखक जेबी शाॅ, अर्नेस्ट हेमिंग्वे, विंस्टर्न चर्चिल, नेल्सन मंडेला, दलाई लामा जैसी हस्तियों को नोबेल पुरस्कार दिया जा चुका है। रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंस फिजिक्स, लिटरेचर, शांति, केमिस्ट्री, तथा इकोनॉमिक्स में नोबेल पुरस्कार विजेताओं का चयन करती है। वही स्वीडिश रॉयल कैरोलिन मेडिकल सर्जिकल इंस्टिट्यूट चिकित्सा के क्षेत्र में विजेताओं के नाम की घोषणाएं करता है। नार्वे पार्लियामेंट अवार्ड शांति के क्षेत्र में तथा स्वीडिश एकेडमी साहित्य के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कारों की घोषणा करती हैं।

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