मैंग्रोव वन क्या है: चर्चा में क्यों है मैंग्रोव वन ? मैंग्रोव वन का क्या महत्व है ?

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मैंग्रोव वनस्पति की जड़े कुछ पानी के ऊपर तथा कुछ पाने के नीचे होते हैं ।

उड़ीसा सरकार ने समुद्र तटीय क्षेत्र में मैंग्रोव पर लगाने का प्रस्ताव दिया :-

उड़ीसा सरकार ने समुद्र तटीय क्षेत्र में 109 हेक्टेयर भूमि पर मैंग्रोव वन लगाने का जं रही हवाओं का भी मैंग्रोव वनों के कारण कम प्रभाव पढ़ा था। दुनिया के सबसे अधिक मूल्यवान वनों में से मैंग्रोव वन एक है। लेकिन मैंग्रोव वन अब खतरे में है 67% से अधिक मैंग्रोव वन या तो नष्ट हो चुके हैं या उनका क्षरण हो चुका है। यदि मैंग्रोव वन समाप्त हो गए तो पारिस्थितिकी तंत्र बदल जाएगा और जलवायु परिवर्तन की घटनाएं भयावह रूप ले लेंगे क्योंकि मैंग्रोव दुनिया का सबसे मूल्यवान वन है। मैंग्रोव वनों के घटते विस्तार से चिंतित होकर उड़ीसा सरकार ने मैनग्रोव वनों को 109 एकड़ क्षेत्र में लगाने का प्रस्ताव दिया है जोकि एक बहुत अच्छा काम है।

मैंग्रोव वन क्या है ? क्या है मैंग्रोव वन :-

मैंग्रोव वनों में पारिस्थितिकी तंत्र

मैं ग्रोव वन क्या है ? , वृक्ष के समान लकड़ी वाला पौधा होता है जिसकी आपस में गुथी जड़ों की जाल का कुछ भाग जलीय सतह के ऊपर होता है तथा शाखाएं से जड़ें नीचे की ओर बढ़ते हुए जल के अंदर तक प्रवेश होती हैं। मैंग्रोव वन क्या है रिजो़फोरा वंश का उष्णकटिबंधीय वृक्ष या झाड़ी होता है। जिसकी प्रजातियां ज्यादातर कम ऊंचाई के वृक्षों की होती हैं जो एक्चुअरी ,कच्छ या ज्वारीय तटों में उगते या पनपते हैं । इनकी जड़ें आपस में इतनी गुथी होती है कि एक जटिल जड़ जाल विकसित हो जाता है। मैंग्रोव वन महत्वपूर्ण प्राकृतिक पारिस्थितिक तंत्र हैं जिनके अंतर्गत स्थलीय एवं सागरीय दोनों पर्यावरण का मेल होता है। मैंग्रोव वन तटीय और खारे पानी में उगते हैं। मैं ग्रुप बंद 25 डिग्री उत्तर और 25 डिग्री दक्षिणी अक्षांश के बीच उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाए जाते हैं और यह है पृथ्वी पर सबसे अधिक उत्पादक और विविध पारिस्थितिकीय तंत्रों में से एक हैं। ( मैंग्रोव वन क्या है ? )

मैंग्रोव वनों का महत्व :-

मैंग्रोव वनों के क्षेत्रों में मिट्टी रोक कर रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और चक्रवातों की अति तीव्र हवाओं को कमजोर करने में मैंग्रोव वनों का बहुत महत्व है।

मैंग्रोव वनस्पति कई प्रदूषक और गाद को अंदर जाने से रोकते हैं और कोरल रीफ की रक्षा करते हैं। मैं ग्रोव वन क्या है ? , वृक्ष के समान लकड़ी वाला पौधा होता है जिसकी आपस में गुथी जड़ों की जाल का कुछ भाग जलीय सतह के ऊपर होता है तथा शाखाएं से जड़ें नीचे की ओर बढ़ते हुए जल के अंदर तक प्रवेश होती हैं। मैंग्रोव वन क्या है रिजो़फोरा वंश का उष्णकटिबंधीय वृक्ष या झाड़ी होता है। जिसकी प्रजातियां ज्यादातर कम ऊंचाई के वृक्षों की होती हैं जो एक्चुअरी ,कच्छ या ज्वारीय तटों में उगते या पनपते हैं । इनकी जड़ें आपस में इतनी गुथी होती है कि एक जटिल जड़ जाल विकसित हो जाता है। मैंग्रोव वन महत्वपूर्ण प्राकृतिक पारिस्थितिक तंत्र हैं जिनके अंतर्गत स्थलीय एवं सागरीय दोनों पर्यावरण का मेल होता है। मैंग्रोव वन तटीय और खारे पानी में उगते हैं। मैं ग्रुप बंद 25 डिग्री उत्तर और 25 डिग्री दक्षिणी अक्षांश के बीच उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाए जाते हैं और यह है पृथ्वी पर सबसे अधिक उत्पादक और विविध पारिस्थितिकीय तंत्रों में से एक हैं। ( मैंग्रोव वन क्या है ? ) और जब कभी समुद्र में सुनामी आती है तो मैंग्रोव वनस्पति समुद्र की लहर तीव्र लहरों को कमजोर करने में बड़ी सहायता प्रदान करते हैं।

मैंग्रोव वनस्पति से समुद्र की शक्तिशाली लहरें धीमी हो जाती हैं। मैंग्रोव वन क्या है मैंग्रोव वन मछलियों , झींगा , केकड़ा व कई जंतुओं और वनस्पति प्रजातियों का निवास स्थान होती हैं तथा हवा और समुद्र की तीव्र  लहरों से उनकी अंडो और बच्चों की रक्षा करते हैं।

मैंग्रोव वन क्या है यहाँ कई प्रकार की दुर्लभ पक्षियों और जानवरों का घर है और जैव विविधता के मामले में यह बन अग्रणी है इस वन की सभी सुरक्षा करनी चाहिए। उड़ीसा सरकार ने उड़ीसा के समुद्री तट पर मैंग्रोव वन को और अधिक विस्तारित करने का प्रस्ताव रखा है बहुत ही प्रशंसनीय कदम है।

मैंग्रोव वन में छोटे छोटे जीव जंतु रहते हैं और यहां पर जंगली घास भी पाए जाते हैं जिसे खाकर शाकाहारी जानवर अपना जीवन जीते हैं और इन्हें शाकाहारी जानवरों को खाकर मांसाहारी जानवर जीवित रहते हैं इस तरह का पारिस्थितिकी तंत्र मैंग्रोव वनों में बना हुआ।

वनों के मैंग्रोव वनों की जल में डूबी हुई जड़ों का जाल होता है उन पर घोंघे और स्पंज चिपके हुए होते हैं जो पानी में से पोषक तत्व और तलछट को अलग कर देते हैं। मैंग्रोव वन क्या है ? जिससे पानी साफ हो जाता है और प्रवाल जीवों के लिए जिनसे मूंगे की चट्टान बनती है, के लिए उत्तम दशाएं उत्पन्न हो जाती हैं। मैंग्रोव वन उष्णकटिबंधीय समुद्री क्षेत्रों में पाए जाने वाले पादप प्लवकों के मुकाबले ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड को सोखते हैं।

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क्यों है मैंग्रोव वनों को खतरा :-

ग्लोबल वार्मिंग से समुद्र के बढ़ते तापमान की वजह से ग्लेशियर पिघल रहे हैं जिससे समुद्र का जलस्तर बढ़ता जा रहा है और मैंग्रोव वन समुद्र के जल में  मानो जल समाधि लेते जा रहे हैं । मैंग्रोव वन क्या है ? , वृक्ष के समान लकड़ी वाला पौधा होता है जिसकी आपस में गुथी जड़ों की जाल का कुछ भाग जलीय सतह के ऊपर होता है तथा शाखाएं से जड़ें नीचे की ओर बढ़ते हुए जल के अंदर तक प्रवेश होती हैं। मैंग्रोव वन क्या है रिजो़फोरा वंश का उष्णकटिबंधीय वृक्ष या झाड़ी होता है। जिसकी प्रजातियां ज्यादातर कम ऊंचाई के वृक्षों की होती हैं जो एक्चुअरी ,कच्छ या ज्वारीय तटों में उगते या पनपते हैं । इनकी जड़ें आपस में इतनी गुथी होती है कि एक जटिल जड़ जाल विकसित हो जाता है। मैंग्रोव वन महत्वपूर्ण प्राकृतिक पारिस्थितिक तंत्र हैं जिनके अंतर्गत स्थलीय एवं सागरीय दोनों पर्यावरण का मेल होता है। मैंग्रोव वन तटीय और खारे पानी में उगते हैं। मैं ग्रुप बंद 25 डिग्री उत्तर और 25 डिग्री दक्षिणी अक्षांश के बीच उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाए जाते हैं और यह है पृथ्वी पर सबसे अधिक उत्पादक और विविध पारिस्थितिकीय तंत्रों में से एक हैं। ( मैंग्रोव वन क्या है ? ) देश में प्राकृतिक आपदा की संख्या बहुत अधिक हो गई है पहले से अधिक संख्या में अब चक्रवात आने लगे हैं जिनकी मारक क्षमता बहुत अधिक होती है इसके कारण मैंग्रोव वनों को बहुत ही नुकसान होता है। मैंग्रोव वन क्या है और वन मानव को होने वाली परेशानी को कम करके प्रकृति द्वारा बनाए गए एक रक्षक की भांति चक्रबातों की तेज हवाओं से रक्षा करता है।

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