अपने पोषण के लिए हम प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से कई तरह के अनाज पर निर्भर रहते हैं,लेकिन क्या आपको पता है कि अनाज चाहे वह मक्का हो, गेहूं ,ज्वार ,चावल ओट्स या राई हो इनका उत्पादन विश्व में कितनी मात्रा में होता है? अगर नहीं तो, आज हम आपको बताने वाले हैं कि वित्त वर्ष 2021 में दुनिया में कौन सा अनाज कितनी मात्रा में उत्पादित किया गया आप सब ध्यान से पढ़ें और इस जानकारी का सही लाभ उठाये।
इस पोस्ट में
सबसे पहले बात करते हैं मक्का की ,मक्का के बारे में आप सभी जानते होंगे और लगभग हर घर में मक्के का प्रयोग किया जाता है।आपको बता दें कि वित्त वर्ष 2021-22 में दुनिया भर में सबसे ज्यादा उत्पादन मक्के का हुआ आंकड़ों की बात करें तो मक्के के उत्पादन का आंकड़ा 12070 लाख मैट्रिक टन होता है।
शायद ही कोई परिवार ऐसा हो जिस परिवार में गेहूं का प्रयोग ना होता हो गेहूं से आमतौर पर रोटियां बनाई जाती हैं,और उनका सेवन किया जाता है शायद आपको ना पता हो कि वर्ष 2021 बारिश में गेहूं का उत्पादन कितनी मात्रा में हुआ है तो मैं आपको बता देता हूं कि वर्ष 2021-22 में पूरी दुनिया में कुल 7786 लाख मैट्रिक टन गेहूं का उत्पादन किया गया।
अधिक मात्रा में गेहूं का प्रयोग किया जाता है लगभग उसी तरह चावल का भी प्रयोग होता है,लेकिन क्या आपको पता है 2021-22 में दुनिया भर में कितना चावल उगाया गया शायद ना पता हो ,तो मैं बता देता हूं की वित्त वर्ष 2021-22 में दुनिया में कुल 5099 लाख मैट्रिक टन चावल का उत्पादन हुआ।
जौ के बारे में भी आप सभी जानते होंगे और पहले के समय में घरों में जौ के द्वारा अक्सर सत्तू बनाया जाता था शायद आप लोगों ने खाया भी हो लेकिन क्या आप जानते हैं कि वित्त वर्ष 2021 में पूरी दुनिया में कितनी जौ उगाई गई ?तो आपको बता दें कि मक्के के बाद सबसे ज्यादा उत्पादित होने वाली फसल जो रही है और आंकड़ों के मुताबिक इसका उत्पादन कुल 1570.5 लाख मैट्रिक टन हुआ।
वित्त वर्ष 2021 बैच में दुनिया में सबसे ज्यादा उत्पादित होने वाली फसलों में जौ के बाद सबसे बड़ी मात्रा ज्वार की रही आपको बता दें कि वित्त वर्ष 2021 22 में दुनिया में कुल 651 लाख मैट्रिक टन जो का ज्वार का उत्पादन किया गया।
वित्त वर्ष 2021 में दुनिया में सबसे ज्यादा उत्पादित होने वाली फसलों में वोट और राई भी प्रमुख है आपको बता दें कि वित्त वर्ष 2021 में कुल 226.8 लाक मैट्रिक टन उठ सका तथा 125.6 लाख मैट्रिक टन का उत्पादन किया था।