रोहिंग्या का अर्थ ? रोहिंग्या समुदाय पर क्या संकट छाया है ?

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Rohingya samuday Ke Log

रोहिंग्या का अर्थ रोहिंग्या समुदाय पर हो रहे अमानवीय व्यवहार के कारण उनकी चर्चा पूरे विश्व में हो रही  है। रोहिंग्या मुस्लिम समुदाय के लोग हैं हालांकि कुछ लोग हिंदू भी हैं यह लोग पश्चिमी म्यांमार के  रखाइन प्रांत में रहते हैं। रखाइन प्रांत की राजधानी सितवे है। रोहिंग्या समुदाय के लोगों को अराकान भारतीय भी कहा जाता है यह लोग म्यांमार के  बर्मी भाषा की जगह बंगाली भाषा की एक बोली बोलते हैं इसलिए म्यांमार के लोग कहते हैं कि जब बांग्लादेश में ब्रिटिश   अधिपत्य  था तो यह लोग प्रवास कर करके आए हुए थे इसलिए  म्यांमार के लिए  रोहिंग्या  को स्वीकारा नहीं गया है। रोहिंग्या समुदाय के लोगों  का रहन सहन खानपान भाषा बोली आदि सभी बौद्ध बहुल म्यांमार से अलग होने के कारण म्यांमार के लोग इन्हें स्वीकार नहीं कर पाए हैं।

रोहिंग्या का अर्थ रोहिंग्या समुदाय को अभी तक नागरिकता क्यों नहीं मिली

रोहिंग्या का अर्थ म्यांमार में रोहिंग्या समुदाय को पूर्ण नागरिक का दर्जा नहीं दिया है क्योंकि म्यांमार में तभी नागरिकता मिल सकती हैं जब रोहिंग्या समुदाय अपने पूर्वज 1823 से पहले के कागज दिखाएं और यह समय बहुत लंबा होता है इसलिए उनके पास अपने किसी भी पूर्वज के दस्तावेज नहीं है रोहिंग्या समुदाय पूर्वज के म्यांमार में होने की बात सिद्ध नहीं कर पाते और नागरिकता लेने में असमर्थ रहते हैं। म्यांमार के लोग रोहिंग्या समुदाय के लोगों को विदेशी निवासी या फिर सहवर्ती नागरिक का दर्जा देते हैं।

रोहिंग्या समुदाय के प्रवासी लोग

रोहिंग्या का अर्थ प्रारंभ से ही रोहिंग्या समुदाय पर अत्याचार :-

रोहिंग्या का अर्थ वर्ष 2016 से 17 में म्यांमार की सेना द्वारा रोहिंग्या समुदाय के लोगों के हत्याएं की इन हत्याओं को नरसंहार कहा गया । इससे खून खराबे से बचने के लिए रोहिंग्या समुदाय के लाखों लोग म्यांमार छोड़कर कई देशों में शरणार्थी के रूप में चले गए ।फरवरी माह में रोहिंग्या समुदाय के 90 लोग एक नाव पर सवार होकर म्यांमार को छोड़कर चले गए उन्हें पता था कि म्यांमार में उनकी जान नहीं बचने वाली और उन्हें यह भी पता था कि समुद्री मार्ग से जाने में जान का जोखिम है फिर भी उन्होंने निश्चय किया कि यदि यहां से निकल जाएंगे तो जिंदा रहने के चांस है और यदि मरेंगे तो समुद्र की गहराइयों में चले जाएंगे। रोहिंग्या का अर्थ पता होते हुए भी कि बंगाल की खाड़ी में तूफान आते हैं फिर भी वह अपने नाम से निकल पड़े। इंडोनेशिया के आसेह  प्रांत में नाव समुद्र के किनारे फंसी दिखी तो वहां के ग्रामीण लोगों ने बाहर निकाला। नाव टूट चुकी थी और जर्जर हो चुकी थी। इस नाव में 49 महिला , 21 पुरुष और 11 बच्चे थे 9 लोगों की मौत रास्ते में ही हो चुकी थी।

रोहिंग्या का अर्थ संयुक्त राष्ट्र के प्रवासी संबंधी एजेंसियों ने इंडोनेशिया की तारीफ की क्योंकि इंडोनेशिया  ने रोहिंग्या शरणार्थियों को सुरक्षित पनाहगाह प्रदान किया। लेकिन यह मानवता हर देश नहीं दिखाते हैं कई देश शरणार्थियों के अपने देश में आने पर रोक लगाए हैं जिसमें भारत भी शामिल है।

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नाव में बैठे प्रवासी रोहिंग्या समुदाय के लोग

रोहिंग्या का अर्थ दुनिया में कहां-कहां रोहिंग्या समुदाय के लोग शरण में है

रोहिंग्या शरणार्थी इस समय बांग्लादेश में 9 लाख, म्यांमार में 5 लाख , पाकिस्तान में  2 लाख, सऊदी  अरब में 4 लाख , थाईलैंड में एक लाख मलेशिया और भारत में 40 – 40 हजार रोहिंग्या  समुदाय के लोग रहते हैं। और इन देशों में रोहिंग्या शरणार्थियों पर अमानवीय व्यवहार होता है।रोहिंग्या का अर्थ भाषण चार गीत बांग्लादेश के दक्षिण में स्थित 40 वर्ग किलोमीटर का  है जहां रोहिंग्या समुदाय के लोगों  अमानवीय दशाओं का सामना करते हैं। अभी तो समुद्र तल से केवल 2 मीटर ऊपर ऊंचा है यहां पर रहने वाले रोहिंग्या लोगों को डर लगा रहता है कि समुद्र में कभी तूफान आएगा और इस द्वीप से टकराएगा तो क्या हाल होगा लोगों का । रोहिंग्या का अर्थ यह द्वीप 15 वर्ष पहले समुद्र से बाहर निकला है और भूगर्भिक दृष्टिकोण से स्थिर नहीं है। रोहिंग्या समुदाय के लोगों के लिए यह एक बड़ी जेल है। यहां भूमि कम है लेकिन कम भूमि में जनसंख्या बहुत अधिक है । यहां स्कूल, स्वास्थ्य सेवाएं, व्यवसाय आर्थिक क्रियाएं बच्चों का भविष्य सब बर्बाद है। आर्थिक क्रियाकलाप की उम्मीद ना होने के कारण  रोहिंग्या  म्यांमार से जाकर और कहीं शरण ले लेते हैं।

रोहिंग्या का अर्थ किसी और देश में शरण  लेकर भी रोहिंग्या समुदाय के लोगों की समस्याएं कम नहीं होती

रोहिंग्या समुदाय दूसरे देश में प्रवास कर जाते हैं और शरणार्थी बन जाते हैं तो इसका मतलब यह नहीं कि उनका जीवन सुखमय और शांतिपूर्ण हो जाता है तब भी रोहिंग्या समुदाय के लोगों को बहुत से चुनौतियों का सामना करना पड़ता है रोहिंग्या के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार होता है। अंतर्राष्ट्रीय समन्वयक का अभाव होता है

इस मानचित्र में लाल रंग से रंगा हुआ क्षेत्र रोहिंग्या समुदाय के लोगों का रहने का स्थान है

नागरिकता प्राप्त नहीं रहती है उस देश की तो उससे भी संबंधित कई समस्याएं झेलनी पड़ती हैं। भाषा भाषाई एवं सांस्कृतिक भेदभाव झेलना पड़ता है। बच्चों का भविष्य असुरक्षित रहता है क्योंकि प्रत्येक देश अपने देश के बच्चों को पहले कुछ कर सुविधा देना चाहेगा और शरणार्थियों के बाद में । देश में कोरोना महामारी के कारण कोई भी देश अपने देश के नागरिकों को पहले इलाज और vaccine देना चाहेगा और जो शरणार्थी आए हैं उनका नंबर बाद में आएगा ।आर्थिक क्रियाकलापों का भी अभाव पाया जाता है पहले देश के नागरिकों को नौकरियां मिलेंगे फिर इसके बाद फिर शरणार्थियों को फिलहाल अभी तो यह समय चल रहा है कि देश को ही नौकरियां नहीं दे पा रहे हैं तो शरणार्थियों को क्या देंगे।

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