तुलु भाषा कहां बोली जाती है ? और वर्तमान में यह चर्चा में क्यों है ?

Published by
तुलु भाषा

तुलु भाषा :-

तुलु एक बार भागता है मुख्य रूप से कर्नाटक के दो तटीय जिलों दक्षिण कन्नड़ और उडुपी और केरल के कासरगोड जिले में बोली जाती है । तुलु क्षेत्रों को मुख्य रूप से  तुलुनाडु कहा जाता है  चुनाव आयोग से मानता प्राप्त तुलु मेरे पक्ष  नामक एक राजनीतिक दल है जो एक अलग राज्य  तुलुनाडु बनाए जाने का पक्षधर है तुलु ।2021 की जनगणना के अनुसार भारत में 1840427 लोग तुलु बोलते हैं कुछ विद्वानों का मानना है कि तुलु सबसे पुरानी द्रविड़ भाषाओं में से एक है इस भाषा का इतिहास 2000 साल तक पुराना है रॉबर्ट केल्डवेल अपनी पुस्तक ए कंपैरेटिव ग्रामर ऑफ द द्रविडियन या साउथ इंडियन फैमिली ऑफ लैंग्वेज में बताते हैं कि तुलु परिवार की सबसे विकसित भाषाओं में से एक है। कुछ साल पहले कर्नाटक सरकार ने तुलु को स्कूलों में 1 भाषा के रूप में पेश किया था । इस भाषा के प्रसिद्ध लोकगीत ” पद्दना ” और पारंपरिक लोक रंगमंच ” यक्षगान ” आदि हैं। तुलु भाषा 1 वर्ष में लगभग पांच से सात तुलु भाषा की फिल्में बनते हैं।

क्लिक करे :- 5G टेस्टिंग से मर रहे हैं लोग, गजब का लॉजिक दे रहे हैं ये भाई साहब।

केरल के कासरगोड जिले को ” सप्त भाषा संगम भूमि “ के नाम से भी जाना जाता है तो इन 7 भाषाओं में से एक है वर्तमान में भारत में तुलु भाषी लोगों की संख्या संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल मणिपुरी और संस्कृत भाषी लोगों से अधिक है।

वर्तमान में संविधान की  8वीं अनुसूची में 22 भाषाएं शामिल हैं। हाल ही में विभिन्न संगठनों ने मिलकर ट्विटर पर अभियान चलाया इस अभियान में संगठनों ने तुलु भाषा को आधिकारिक भाषा का दर्जा देने की मांग की । तुलु अभियान के जरिए इन संगठनों ने तुलु को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने एवं कर्नाटक और केरल में इसे आधिकारिक भाषा का दर्जा देने की मांग की । लाखों लोगों ने खुलकर इस अभियान का समर्थन किया।

क्लिक करे :- मकड़ी के जाल की ‘चादर’ से ढका ! ऑस्ट्रेलिया में मकड़ियों  ने कई किलोमीटर बड़ा जाल का निर्माण क्यों किया ? ब्लूनिंग क्रिया क्या है ?

तुलु भाषा के आठवीं अनुसूची में शामिल होने से लाभ :-

तुलु आठवीं अनुसूची में जुड़ने से तुलु भाषा को साहित्य अकादमी से पहचान प्राप्त होगी। तुलु साहित्य का अन्य प्रमाणित भारतीय भाषाओं में अनुवाद होगा। जनप्रतिनिधि संसद और विधानसभाओं में तुलु भाषा का आधिकारिक रूप से प्रयोग कर सकेंगे । छात्रा परीक्षाओं जैसे सिविल सेवा परीक्षा आदि में तुलु भाषा का चुनाव कर सकेंगे।

Share
Published by

Recent Posts